Wednesday, 22 March 2017

kitne hum modern ho gaye




कितने हम मॉडर्न हो गए रिश्ते भी अब contract हो गए
कॉन्ट्रैक्ट भी होता है बैंक्वेट मे कहा रिश्तो के नाजुक tent खो गए
औरो की जॉब के लिए है हम पुन्चुअल अपने बच्चो के लिए absent हो गए
बच्चो की ख़ुशी मे मुस्कुराले ए दोस्त क्या हुआ दिल मे तेरे कई dent हो गए
प्रेम विवाह करके जिस घर को बनया था प्रेम भवन आज उसी घर मे tenant हो गए
अपनी मुताबिक न चले वोह रिश्ता गुलामी है आज़ादी के लिए हम कितने arrogant हो गए
कपड़ो और फैशन पे कुछ मत बोलना कपडे तो आत्मा के equivalent हो गए
अन्पड माँ बाप को घर से निकाल दिया बच्चे कितने intellgent हो गए
मुझे किसी को कुछ नहीं समझाना लो हम भी काफ़िर silent हो गए


“कमल किशोर काफ़िर “

No comments:

Post a Comment