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Saturday, 8 August 2020
Wednesday, 22 March 2017
kitne hum modern ho gaye
कितने हम मॉडर्न हो
गए रिश्ते भी अब contract हो गए
कॉन्ट्रैक्ट भी होता
है बैंक्वेट मे कहा रिश्तो के नाजुक tent खो गए
औरो की जॉब के लिए
है हम पुन्चुअल अपने बच्चो के लिए absent हो गए
बच्चो की ख़ुशी मे मुस्कुराले
ए दोस्त क्या हुआ दिल मे तेरे कई dent हो गए
प्रेम विवाह करके जिस
घर को बनया था प्रेम भवन आज उसी घर मे tenant हो गए
अपनी मुताबिक न चले
वोह रिश्ता गुलामी है आज़ादी के लिए हम कितने arrogant हो गए
कपड़ो और फैशन पे कुछ
मत बोलना कपडे तो आत्मा के equivalent हो गए
अन्पड माँ बाप को घर
से निकाल दिया बच्चे कितने intellgent हो गए
मुझे किसी को कुछ नहीं
समझाना लो हम भी काफ़िर silent हो गए
“कमल किशोर काफ़िर “
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